Sunday, August 17, 2025
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पंजाब में शिक्षा का नया अध्याय: संगरूर में खुला नया स्कूल ऑफ़ एमिनेंस

संगरूर, 11 अगस्त – मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज संगरूर ज़िले में जत्थेदार करतार सिंह दरवेश के नाम से बने नए स्कूल ऑफ़ एमिनेंस का उद्घाटन किया। 3.40 करोड़ रुपये की लागत से बना यह स्कूल बच्चों को आधुनिक और बेहतरीन शिक्षा सुविधाएँ देगा।

सरकार की योजना है कि पंजाब के 118 सरकारी स्कूलों को स्कूल ऑफ़ एमिनेंस में बदला जाए। अब तक 14 स्कूल खुल चुके हैं, 13 पूरे हो चुके हैं और 15 का काम जारी है। बाकी स्कूल भी जल्द तैयार होंगे।

शिक्षा पर बढ़ा खर्च

मान सरकार ने शिक्षा को सबसे ज़्यादा प्राथमिकता दी है। इस साल शिक्षा के लिए लगभग 17,975 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जो राज्य के कुल खर्च का करीब 12% है। स्कूल ऑफ़ एमिनेंस के लिए ही 200 करोड़ रुपये अलग से रखे गए हैं।

प्राथमिक स्कूलों को “स्कूल ऑफ़ हैप्पीनेस” और 100 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों को “स्कूल ऑफ़ ब्रिलियंस” बनाने की योजना पर भी काम हो रहा है।

स्कूलों में बड़े बदलाव

पिछले तीन सालों में सरकारी स्कूलों में कई नई सुविधाएँ जुड़ी हैं—

स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब और वाई-फाई

4,000 से ज्यादा स्कूलों में सोलर पैनल

साफ-सुथरे शौचालय और पीने के पानी की सुविधा

सीसीटीवी, कैंपस मैनेजर और सुरक्षा गार्ड

शिक्षकों की भर्ती और ट्रेनिंग

तीन साल में 9,518 नए शिक्षकों की भर्ती और 12,316 शिक्षकों का नियमितीकरण किया गया है। 354 प्रिंसिपल और शिक्षकों को सिंगापुर, फ़िनलैंड और आईआईएम अहमदाबाद जैसे संस्थानों में ट्रेनिंग दी गई है, ताकि वे आधुनिक तरीकों से पढ़ा सकें।

छात्रों के लिए मुफ़्त बस सेवा

दूर-दराज़ इलाकों के छात्रों के लिए 125 सरकारी स्कूलों में लगभग 250 बसें चलाई जा रही हैं। इससे 10,000 से अधिक बच्चे रोज़ स्कूल पहुँच रहे हैं।

पंजाब की बढ़ती पहचान

सरकार का कहना है कि इन सुधारों के बाद पंजाब सरकारी शिक्षा में देश के सबसे आगे बढ़ते राज्यों में शामिल हो गया है। अब सरकारी स्कूलों के बच्चे भी NEET और JEE जैसी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।

नया स्कूल, नई उम्मीदें

संगरूर का यह नया स्कूल ऑफ़ एमिनेंस विज्ञान प्रयोगशालाओं, डिजिटल क्लासरूम, पुस्तकालय और खेल सुविधाओं से लैस है। यहाँ छात्रों को कैरियर काउंसलिंग और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि पंजाब का हर बच्चा बिना भेदभाव के बेहतरीन शिक्षा पाए। सरकारी स्कूल अब किसी से कम नहीं रहेंगे।”

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